Corruption Perception Index 2021 के अनुसार भारत, करप्शन के मामले में 180 देशों में 85 वें रैंक पर है। इसी रिपोर्ट के अकॉर्डिंग पिछले एक decade में 86% देश, करप्शन को खत्म नहीं कर पाए हैं, उलटा क्रप्शन बढ़ी है। आज का दिन Anti-Corruption Day के तौर पर, International लेवल पर मनाया जा रहा है। देश में करप्शन प्रिवेंशन लॉ है, लेकिन फिर भी करप्शन क्यों। आज गुड़गांव में क्रिसमस कार्निवल शुरू हुआ है, जो अगले 17 दिन तक चलेगा। इस वीडियो के जरिए हम, कार्निवल और क्रिसमस से जुड़े कई पहलुओं से आपको रूबरू करवाएंगे। शायद आपको पता हो कि आज नेशनल क्रिसमस कार्ड डे भी मनाया जा रहा है। इन तीनों टॉपिक्स को करीब से जानने के लिए, वीडियो में अंत तक बनें रहे
करप्शन की फंडामेंटल डेफिनेशन की बात की जाए, तो अपने निजी स्वार्थ के लिए Power का misuse करना ही करप्शन है। लेकिन, आखिर क्रप्ट है कौन। कोई स्पेसिफिक पर्सन, कोई सोसायटी या कोई संस्थान। आइए एक एग्जांपल के जरिए, इस सवाल का जवाब ढूंढते हैं। मान लीजिए, आपका कुछ फाइनेंशियल लॉस हो जाता है, तो आपको दुख होगा, लेकिन वही नुकसान किसी और का हो, तो आपको फर्क नहीं पड़ेगा। यही hardcore corruption है, और देश में फैले भ्रष्टाचार की जड़। यही कारण है कि तमाम कानूनों के बावजूद, आज भी करप्शन खत्म नहीं हुई। आप में से ज्यादातर लोगों ने वाल्मीकि की स्टोरी पढ़ी या सुनी होगी। कि कैसे एक Robber, आदिकवि बन जाता है। जो वाल्मीकि जी के साथ हुआ, ठीक वही, आज हम सबके साथ हो रहा है। जब भी हम कुछ गलत करते हैं, तो हमें लगता है कि वो सब हमने अपनों की भलाई के लिए किया है। वाल्मीकि जी को भी यही भ्रम था और इस भ्रम के टूटने पर, वो तो आदिकवि बन गए। लेकिन क्या कभी आपने अपने परिवार को यह पूछा है कि आपके पाप का बोझ, क्या वो शेयर करेंगे। शायद नहीं, कोई आपके पाप का भागीदार आखिर क्यों बनना चाहेगा। रत्नाकर के गलत कार्यों के लिए अगर उस वक्त, उनके परिवार ने उन्हें न ठुकराया होता, तो आज शायद वो वाल्मीकि न होते। इसलिए यह, सिर्फ परिवार, Friends और relatives ही हैं, जो करप्शन जैसी तमाम बुराइयों को खत्म कर सकते हैं। इसके अलावा आज से गुड़गांव में क्रिसमस कार्निवल शुरू हो रहा है, जो 25 दिसंबर तक चलेगा। 17 दिन के इस कार्निवल में santa, गिफ्ट डिस्ट्रीब्यूट करता है, वहीं आर्ट एंड क्राफ्ट और फूड स्टॉल, मैजिक शो और बग्गी राइड इस फेस्ट की शान हैं। क्रिसमस पर आप भी शायद रेड और व्हाइट ड्रेस पहन कर अपने दोस्तों या फैमिली के साथ इस दिन को सेलिब्रेट करते होंगे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी रियल लाइफ के Santa Claus कौन हैं, जिन्होंने हमेशा आपकी ख्वाहिशों को पूरा किया है।
साल 1843 में इंग्लैंड के एक सिविल सर्वेंट सर हेनरी कोल, ने पहला commercial Christmas card बनाया था, और इसी याद में हर साल 9 दिसंबर को क्रिसमस कार्ड डे भी मनाया जाता है। क्या आप आज भी क्रिसमस कार्ड खरीदते हैं और उन पर बढ़िया मैसेज लिखकर अपनों को भेजते हैं। या फिर सोशल मीडिया हैंडल पर डिफरेंट फोटो कार्ड्स या कंटेंट के जरिए अपनों को त्योहारों की खुशियां बांटते हैं। मायने नहीं रखता कि आप किस धर्म से बिलॉन्ग करते हैं। लेकिन हम सब एक यूनिवर्सल पावर में विश्वास करते हैं और उसके साथ हमारा कनेक्शन ही, हमें एक अच्छा इंसान बनाता है। इसके अलावा, अगर हर किसी का परिवार रत्नाकर के परिवार की तरह बन जाता है, तो रिजल्ट में कई वाल्मीकि हमारे सामने होंगे। द रेवोल्यूशन- देशभक्त हिंदुस्तानी के साथ मैं, आप सभी को क्रिसमस कार्ड डे की भी बधाई देती हूं। याद रखें क्रिसमस जैसे कई त्योहार, हमें शुभकामनाएं और मिठाइयां बांटने के अलावा, अपने ईश्वर से जुड़कर, उनके विचारों को अपनाने के लिए कहते हैं।